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Top 15 Short Story In Hindi For Class 4th रोचक कहानियाँ हिंदी में

    Top 15 Short Story In Hindi For Class 4th रोचक कहानियाँ हिंदी में

    यहां मैं बच्चों के लिए हिंदी में नैतिक के लिए शीर्ष कहानी साझा कर रहा हूं जो बहुत मूल्यवान हैं और अपने बच्चों को जीवन के सबक सिखाते हैं, जो आपके बच्चों को लोगों और दुनिया को समझने में मदद करते हैं इसलिए मैं आपके साथ हिंदी में नैतिक के लिए कहानी साझा कर रहा हूं।

    Short Story In Hindi For Class 4th – मछलियाँ और साँप

    बुद्धूराम बड़ा नासमझ लड़का था। एक दिन वह नजदीक केएक तालाब में मछलियाँ चुराने गया |

    किनारे पर औंधे लेटकर उसने एक बाँह पानी के भीतर डाल दी और मछलियों के हाथ में आने का इंतजार करता रहा।

    तभी उसे महसूस हुआ कि हाथ में कोई मछली फँसी है। वह प्रसन्न हो गया। चट उसने अपना हाथ पानी के बाहर निकाला । पर जैसे ही दृष्टि हाथों की तरफ गई, वह सन्न रह गया।

    पानीवाला साँप उसके हाथों से लिपटा था । चीखकर उसने साँप को वापस पानी में झटक दिया और सिर पर पैर रखकर भागा।

    रास्ते में मछुआरे ने उसे रोका और डाँटने लगा, “अगर यह साँप जहरीला होता तो आज तुम्हारी खैर नहीं थी।”

    Moral of Short Story In Hindi For Class 4th – हर काम तरीके से करना चाहिए ।

    Short Story In Hindi For Class 4th – स्वर्ग का रास्ता

    गयासुर नाम का एक राक्षस था। उसने इतनी लंबी तपस्या की कि ब्रह्माजी उसके तप से प्रसन्न हो उठे। उन्होंने गयासुर से कहा, “तुमको जो भी माँगना हो, माँगो।”

    गयासुर घमंड से बोला, “अरे छोड़ो ! तुम कौन होते हो देनेवाले! माँगना है तो तुम मुझसे माँगो । “

    गयासुर की घोर तपस्या से देवता भयभीत थे। तिसपर उसने माँगने के लिए कहा तो ब्रह्माजी ने सुरक्षा के लिए माँगा, “अपनी देह दे दो। आपकी देह तप से पवित्र हुई है, हम उसपर यज्ञ करेंगे। “

    गयासुर ने स्वीकार कर लिया। राक्षस की देह पर यज्ञ शुरू हुआ। देवताओं ने वर्षों तक यज्ञ किया, फिर भी राक्षस नहीं मरा ।

    इतने में एक और गड़बड़ हुई। राक्षस की देह उड़ने लगी। ब्रह्माजी अत्यधिक चिंतित हो उठे। उन्होंने फौरन नारायण की स्तुति शुरू कर दी ।

    नारायण प्रकट हुए, “क्या बात है, वत्स?” ब्रह्माजी बोले, “गयासुर की देह हवा में उड़ रही है। वह मरेगा नहीं तो देवताओं का नाश हो जाएगा।”

    गयासुर की उठती हुई देह को नारायण ने दो लात मारीं । फिर भी वह न मरा । नारायण ने कहा, “अरे, अब तो जीवन का मोह छोड़ो । ” गयासुर ने कहा, “ठीक है। पर मैं राक्षस हूँ। मैंने कठोर तप किया है। वह व्यर्थ तो नहीं जाएगा।”

    भगवान् नारायण को उसकी बात ठीक लगी । वह राक्षस होकर भी दे सकता है और ये देवता होकर सिर्फ ले रहे हैं। देवों के देव नारायण ने गयासुर को वरदान दिया, “जाओ, तुम्हारे अवसान से यह जगह पवित्र हो जाएगी। लोग यहाँ आकर अपने पिता का श्राद्ध करेंगे तथा पितरों को पिंडदान करेंगे।”

    ‘गया’ उसी राक्षस की भूमि है। भगवान् के आशीर्वाद से पवित्र हो गई। आज भी लोग श्राद्ध करने गया जाते हैं।

    Moral of Short Story In Hindi For Class 4th – तप से पापी भी पवित्र हो जाते हैं ।

    Short Story In Hindi For Class 4th – कुत्ता – घर का और गाँव का

    एक बार घर का कुत्ता और गाँव का कुत्ता रास्ते में टकरा गए। गाँव के कुत्ते ने देखा कि उसका मित्र काफी तंदुरुस्त और हट्टा-कट्टा है। जबकि उसकी अपनी हालत बड़ी नाजुक थी।

    पूरे पूरे दिन उसे खाने को नहीं मिलता था। तभी घर के कुत्ते ने सहानुभूति से भरकर उसे बताया, ‘अगर तुम चाहो तो तुम्हें भी पेट भरकर खाना मिल सकता है।”

    गाँव के कुत्ते ने पूछा, “वह कैसे?’’ घर के कुत्ते ने जवाब दिया, “तुम्हें हमारे मालिक के घर की चौकीदारी करनी होगी।” “मैं तैयार हूँ।” गाँव का कुत्ता बोला, “पर तुम्हारे गले में यह क्या है?”

    “पट्टा!” घर के कुत्ते ने बताया, “रात में मैं पहरेदारी करता हूँ। दिन में हमारा मालिक मुझे बाँधकर एक कोने में बिठा देता है। ” यह सुनकर गाँव का कुत्ता चलता बना।

    Moral of Short Story In Hindi For Class 4th -यशस्वी होने का सबसे छोटा रास्ता अंतरात्मा के अनुसार चलना है।

    Short Story In Hindi For Class 4th – नारद का दुःख

    एक दिन नारद मुनि अत्यंत उदास मुद्रा में बैठे थे। सनकादिक ने उनसे उनकी व्यथा जाननी चाही। पूछा, “हमेशा हँसते रहनेवाले आप आज उदास कैसे हैं?” नारद बोले, “मुझे अपने देश की चिंता सता रही है।

    जरा भारत भूमि की ओर देखो। धर्म का विनाश हो रहा है। अधर्म पनप रहा है। लोग भूखे मर रहे हैं और व्यापारी धन बटोरकर तिजोरियाँ भर रहे हैं। भाई-भाई को लूटने की युक्ति कर रहा है।

    उफ ! भ्रष्टाचार से तो तौबा !” सनकादिक को नारदजी की बात सही लगी। देश का दुःख किसी भी दुःख से बड़ा होता है ।

    Moral of Short Story In Hindi For Class 4th – जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं।

    Short Story In Hindi For Class 4th – सबक

    किसी गाँव में एक महिला सराय की मालिक थी। एक दिन उसकी एक सहेली उससे मिलने आई। उसने पूछा, “कैसा चल रहा है तुम्हारा धंधा ?”

    “एकदम मंदा । आजकल सारे-के-सारे ग्राहक उस सामनेवाली सराय में जाते हैं। हालाँकि चाय मेरे यहाँ ज्यादा अच्छी बनती है। ” वह बोली ।

    सहेली ने कहा, “मैं तुम्हें इसका कारण बताती हूँ, अगर तुम बुरा न मानो तो।” “हरगिज नहीं।’ “तो सुनो।” सहेली ने कहा, “इसमें शक नहीं कि उस सराय की चाय की बनिस्बत तुम्हारे यहाँ की चाय अधिक अच्छी होती है; पर तुम्हारे यहाँ सफाई नहीं है।

    कप और प्लेट बेहद गंदे होते हैं। इसमें चाय पीते हुए ग्राहकों को मतली आने लगती है। ऊपर से नौकर तुम्हारे यहाँ टेबल और कुरसियाँ तथा फर्श तक ठीक से साफ नहीं करते।

    अगर तुम अपने यहाँ साफ-सफाई का खयाल रखो तो कुछ ही दिनों के भीतर तुम पाओगी कि तुम्हारे पुराने ग्राहक फिर से तुम्हारे यहाँ चाय पीने आने लगे हैं। “

    उसने अपनी सहेली की सलाह मानकर सारा सामान साफ रखना शुरू कर दिया । यहाँ तक कि खिड़की, दरवाजे तक लकदक लकदक करने लगे। धीरे-धीरे शहर में उस सराय की स्वच्छता की चर्चा होने लगी और लोगों ने फिर से वहाँ बैठकर चाय पीना शुरू कर दिया |

    Moral of Short Story In Hindi For Class 4th – स्वच्छता हमेशा समृद्धि लाती है, जबकि गंदगी दरिद्रता का द्वार खोलती है ।

    Short Story In Hindi For Class 4th – नहले पर दहला

    कल्लूमल को परेशान देखकर उसके दोस्त ने बड़ी सहानुभूति से पूछा, “क्यों दोस्त, क्या बात है, बड़े परेशान नजर आ रहे हो ?”

    कल्लूमल का गला भर्रा उठा। बोला, “क्या बताऊँ, दोस्त, मेरे घर के सामनेवाला जो दर्जी है न, वह कमबख्त भाग गया। साथ ही टेरालीन की तीन पतलूनें और दो कमीजों का मेरा कपड़ा भी लेता गया । ” “

    दोस्त सुनकर मायूस हो उठा। उसकी संजीदगी देखकर कल्लूमल ने पूछा, “मगर तुम इतने क्यों उदास हो गए ? “

    “उदास इसलिए हो रहा हूँ कि वह कमबख्त तेरी तो तीन पतलून और दो कमीजों का कपड़ा ही लेकर भागा है, पर मेरी तो ऐसी-तैसी कर दी उसने चार कुरते, चार पायजामों का नाप लेकर रफूचक्कर हो गया!”

    Moral of Short Story In Hindi For Class 4th– बेवकूफ हमेशा उलटी बातें करते हैं ।

    Short Story In Hindi For Class 4th – किसान और कुत्ते

    अकाल का मारा एक किसान भूखों मरने लगा। घर में खाने को कुछ था नहीं। अचानक उसे एक उपाय सूझा, क्यों न मैं अपनी भेड़ों को अपना भोजन बनाऊँ ?

    दूसरे दिन से उसने भेड़ मारकर खानी शुरू कर दीं। कुछ दिनों में वह सारी भेड़ें मारकर खा गया। तब उसकी नजर अपनी बकरियों पर गई।

    महीने भर में सारी बकरियाँ भी खत्म हो गईं। तब उसने अपनी गाय को भी कत्ल कर डालने का फैसला किया। तभी उसके दो कुत्ते चौंक उठे। वे समझ गए कि अब उनकी भी खैर नहीं ।

    गाय के बाद उनका ही नंबर है। जब तक जान में जान है, यहाँ से भाग निकलो – और वे उस किसान के घर से भाग खड़े हुए।

    Moral of Short Story In Hindi For Class 4th – दूसरों के घरों को जलता देखकर अपने घर की फिक्र करनी चाहिए।

    Short Story In Hindi For Class 4th – सूरज

    एक औरत बेहद मेहनती थी। एक शाम अँधेरा होते ही वह अपने दोनों बच्चों के साथ घर लौटी तो उसने पाया कि मेज पर रखा हुआ दीया जल रहा है।

    बड़ा लड़का सत्तार आश्चर्य से चिल्लाया, “घर में तो कोई नहीं था, फिर यह दीया किसने जलाया?”

    “कौन जलाएगा? जरूर तुम्हारे पिताजी शहर से लौट आए होंगे।” औरत बोली।

    दोनों बच्चे उछाह से कूदते हुए घर के भीतर घुसे तो अगले कमरे में पिताजी को सचमुच बैठा पाया।

    दूसरे दिन सुबह दोनों बच्चे माँ-बाप के साथ खेत पर गए। उस दिन सूरज अधिक चमकीला था बच्चे धूप देख बहुत खुश हुए। तब पिता ने बच्चों से कहा, “बच्चो,

    घर में रोशनी की उजास देखकर तुमने तुरंत अनुमान लगा लिया था कि दीया मैंने ही जलाया होगा। क्या तुम इस सुहानी धूप के बारे में बता सकते हो कि इसको चमकानेवाला कौन है?”

    “क्यों नहीं!” सकीना ने उत्तर दिया, “खुदा चमकाता है। अगर एक छोटा सा दीया अपने आप नहीं जल सकता तो सूरज को भी कोई-न-कोई चमकाता ही होगा।” बच्चों के पिता बेटी का उत्तर सुन बेहद प्रसन्न हुए।

    Moral of Short Story In Hindi For Class 4th – हमारे आसपास फैली हुई ईश्वर की दुनिया शानदार है, मगर हमारे अंदर रहनेवाली ईश्वर की दुनिया उससे भी ज्यादा शानदार है।

    Short Story In Hindi For Class 4th – परीक्षा

    मनु महाराज की पुत्री का नाम देवहूति था । वह बड़ी सौम्य और ज्ञानी थी। बड़ी हुई तो मनु महाराज को उसके ब्याह की चिंता हुई। तभी एक दिन नारदजी ने सुझाव दिया, “कर्दम ऋषि से बढ़कर योग्य वर तुम्हें अपनी कन्या के लिए दूजा नहीं मिलेगा।

    मनु महाराज को भी बात जँच गई। वे पत्नी शतरूपा तथा कन्या देवहूति के साथ कर्दम ऋषि के आश्रम पहुँचे। कर्दम ऋषि तीक्ष्ण बुद्धिवाले ऋषि थे। उनके आगमन का अभिप्राय समझ गए।

    परखना था उन्हें देवहूति को । अतः उन्होंने मेहमानों के लिए तीन आसन बिछाए और बैठने के लिए कहा। मनु महाराज बैठ गए और शतरूपा भी बैठ गईं।

    किंतु देवहूति के मन में विचार आया – पिता और माता के समक्ष भावी पति खड़ा है तब वह कैसे बैठे ? फिर कर्दम ऋषि ने अपने बैठने के लिए तो आसन छिया ही नहीं है। साथ ही उन्होंने तीनों को आसन ग्रहण करने का अनुरोध किया है। उसे टालना भी अनुचित है।

    उसने एक उपाय सोचा । अपना एक हाथ आसन पर रख वह जमीन पर बैठ गई। देवहूति के इस चातुर्य पर कर्दम ऋषि रीझ गए और उन्होंने उसे पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।

    Moral of Short Story In Hindi For Class 4th – हर मुश्किल का एक हल होता है ।

    बीमार मुर्गी और बिल्ली (Top Short Story In Hindi For Class 4th)

    एक दिन जब मुर्गी सोकर उठी तो उसकी तबियत कुछ ठीक नहीं थी। वह बोली, “आज मैं स्वस्थ नहीं हूँ। इसलिए पूरे दिन आराम करेंगे।” मुर्गी की बात पास से गुजर रही बिल्ली ने सुन ली।

    हमेशा शिकार की खोज में रहने वाली बिल्ली ने मन ही मन कहा, यह बड़ा अच्छा मौका है। मैं हाल-चाल पूछने के बहाने मुर्गी से दोस्ती कर लेती हूँ। फिर उसे एक दिन विश्वास में लेकर मौका मिलते ही चट कर जाऊंगी।’   यह सोचकर बिल्ली तुरंत मुर्गी के पास गई और बड़े ही मीठे स्वर में बोली, “बहन ! मैंने सुना है कि तुम्हारी तबियत खराब है। यदि ऐसी बात थी तो तुम्हें मेरे पास आना चाहिए था।

    मैं तुम्हें मजेदार चुटकुले सुनाती और तुम खुश हो जाती। इससे तुम्हारी सारी बीमारी चली जाती।” मुर्गी बिल्ली की चालाकी भाँप गई थी।

    वह बोली, “तुम्हारी हमदर्दी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ! तुम बस मुझे अकेला छोड़ दो, मुझे लगेगा कि मैं ठीक हो गई हूँ।”

    शिक्षा: हमें दूसरों की चिकनी-चुपड़ी बातों में नहीं आना चाहिए।

    भेड़िया और बकरी (Short Story In Hindi For Class 4th)

    एक दिन भेड़िये ने देखा कि एक हृष्ट-पुष्ट बकरी ऊँची पहाड़ी पर घास चर रही है। उसे देखकर भेडिए के मुँह में पानी आ गया। वह सोचने लगा. ‘मैं तो इतनी ऊँचाई पर जा नहीं सकता, किसी तरह इसी को नीचे बुलाना होगा।’

    भेड़िया अपनी आवाज में मिठास भरकर बोला,”नन्ही बकरी! तुम इतनी ऊँची पहाड़ी पर क्यों चढ़ गई हो? यदि पाँव फिसल गया तो तुम्हें चोट लगेगी।”

    बकरी ने भेड़िये की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और घास चरती रही। भेड़िये ने दोबारा कोशिश की, “देखो, इस पहाड़ी पर भी काफी अच्छी घास है,

    फिर जोखिम उठाने से क्या लाभ? नीचे आ जाओ और यह नर्म और मीठी घास खाओ।” भेड़िया बोले जा रहा था, पर बकरी थी कि उसकी बात पर ध्यान ही नहीं दे रही थी।

    उसने आखिरी कोशिश की और बोला, “मुझे तुम्हारी चिंता है, इसीलिए तुम्हें बार-बार नीचे अपने पास बुला रहा हूँ। यदि तुम ज्यादा देर ऊपर रही तो तुम्हें सर्दी लग जाएगी।”

    अब बकरी चुप नहीं रह सकी। उसने कहा, “मैं जानती हूँ कि तुम्हें मेरी नहीं, बल्कि अपने भोजन की चिंता है।” सुनकर भेड़िया खिसिया गया।

    शिक्षा : शत्रु की बात पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए।।

    खरगोश और मेंढक (In Hindi Short Story For Class 4th)

    एक दिन जंगल के सभी खरगोशों की एक सभा बुलाई गई। खरगोशों के नेता ने सबको संबोधित करते हुए कहा, “मुझे यह कहते हुए बहुत दु:ख होता है कि हमारा इस जंगल में कोई मित्र नहीं है।

    मनुष्य और जानवर सभी हमें तुच्छ समझते है और आए दिन किसी न किसी बहाने हमें मार डालना चाहते हैं। ऐसी अपमानजनक जिंदगी से क्या फायदा? इ

    सलिए मैंने सोचा है कि हम सब लोग तालाब में कूद कर अपनी जान दे दें।” अपने नेता की बात मानकर सभी खरगोश तालाब की ओर चल पड़े। वे सब जाकर तालाब के किनारे खड़े हो गए। वे पानी में कूदने जा ही रहे थे कि तालाब से छोटे-छोटे मेंढक डर कर बाहर कूद आए।

    यह दृश्य देखकर खरगोशों के नेता का विचार बदल गया। उसने अपने साथियों से कहा, “रुको ! तुमने देखा नहीं कि तुम्हारे तालाब में कूदने की बात सुनकर ही नन्हे-नन्हे मेंढक डरकर कैसे बाहर भागे हैं।

    इसका मतलब यह हुआ कि हम निरीह प्राणी नहीं हैं और हमारा भी कुछ महत्त्व है। फिर हम अपना अनमोल जीवन क्यों खत्म करें?”

    शिक्षा: कभी भी अपने को दूसरों से कमतर नहीं आँकना चाहिए।

    नकलची गधा (Short Story In Hindi For Class 4th)

    एक जंगल में एक गधा रहता था। एक दिन वह घास चर रहा था कि उसने घास में रहने वाले टिड्डे को मीठे सुर में गुनगुनाते सुना। गधा घास चरना छोड़कर तुरंत टिड्डे के पास जाकर बोला,

    “मित्र! तुम तो बहुत मीठा गाते हो। तुमने इतनी मीठी आवाज कहाँ से पाई है? तुम क्या खाते हो, जिससे तुम्हारी आवाज इतनी मीठी है। क्या मुझे अपनी मीठी आवाज का राज बताओगे?” टिड्डा बोला, “तुमने मुझे मित्र कहा है।

    इसलिए मैं तुम्हें अपनी मीठी आवाज का राज जरूर बताऊंगा। मैं सिर्फ ओस की बूंदें खाता हूँ, इसीलिए मेरी आवाज मीठी है।” “ठीक है, आज से मैं भी वही खाऊंगा।” गधे ने कहा।

    उस दिन से गधे ने घास खाना छोड़ दिया और बस ओस की बूंदें खाने लगा। इससे उसकी आवाज तो नहीं बदली, पर वह बहुत ही पतला और कमजोर हो गया। उसने टिड्डे से कहा,

    “मैं मूर्ख हूँ, जो तुम्हारी नकल कर रहा था। भगवान । ने हर प्राणी को अलग-अलग विशेषता दी है। इसलिए हमें एक-दूसरे की नकल नहीं करनी चाहिए।”

    शिक्षा: हमें कभी भी आँख मूँदकर दूसरों की नकल नहीं करनी चाहिए।

    Short Story In Hindi For Class 4th – हम भी टेढ़े, तुम भी टेढ़े

    माँ ने केंचुए को डपटा, “बेटे, तुम हमेशा टेढ़े-मेढ़े चलते हो, कभी तो सीधे चला करो!” नन्हे केंचुए ने तपाक से जवाब दिया, “आप चलकर दिखाइए | अगर आप सीधा चल सकेंगी तो मैं भी हमेशा वैसा ही चलने की कोशिश करूँगा । “

    Moral of Short Story In Hindi For Class 4th – वही सीख औरों को दो जिसका पालन खुद करते हो ।

     

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