Skip to content

दिल को छु लेनेवाली प्रेम भरी सच्ची कहानी, Most Heart Touching Love Story

    दिल को छु लेनेवाली प्रेम भरी सच्ची कहानी, Most Heart Touching Love Story

    हम सभी के जीवन में कुछ पल ऐसे आते हैं जिन्हें हम न चाहते हुए भी कभी नहीं भूल सकते। वह खास पल हमेशा एक साये की तरह हमसे जुड़ा रहता है जिसे हम कुछ समय के लिए छुपा तो सकते हैं लेकिन उसे कभी हटा नहीं सकते। ऐसे ही एक खास पल की कहानी आज आपके साथ साझा कर रहा हूं। यह कहानी भारत के बिहार राज्य के सीमांचल क्षेत्र के खूबसूरत जिले पूर्णिया की है, जहां लॉ कॉलेज में पढ़ने वाले सुमित कुमार के जिगरी दोस्त अमित कुमार ने अपने जीवन के अनोखे और खूबसूरत एहसास को हमसे साझा किया है. एक अनोखी सच्ची प्रेम कहानी सच्ची हिंदी प्रेम कहानी

    समय प्यार और अकेलापन

    आपसे अनुरोध है कि इस लेख को पूरा पढ़ें। यह लेख निश्चित रूप से आपके होठों पर मुस्कान और आपकी आंखों में आंसू ला देगा। यह कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है केवल व्यक्तिगत कारणों से अक्षरों के नाम बदले गए हैं।

    बात उन दिनों की है जब सुमित कई वर्षों के बाद अपने भविष्य के लिए कानून की पढ़ाई करना चाहता था और बिना समय बर्बाद किए उसने पूर्णिया के प्रसिद्ध लॉ कॉलेज ब्रजमोहन ठाकुर लॉ कॉलेज पूर्णिया में अपना दाखिला करा लिया। अपने कंधों पर दो छोटी बहनों के भविष्य की जिम्मेदारी और पिता के बार-बार बीमार होने के कारण समय ने कम उम्र में ही जीवन में उस अनुभव को जोड़ दिया जिसने सुमित को कम उम्र में ही एक अनुभवी, समझदार और परिपक्व इंसान बना दिया।

    कुछ कर गुजरने की चाहत और दिल में ढेरों सपनों का बोझ लेकर सुमित घर से निकल पड़ा अपनी मंजिल की ओर…..सालों बाद किसी कॉलेज में क्लास करने का अहसास ऐसा था जैसे गर्मी में किसी ने कोल्ड ड्रिंक पिला दी हो…। झोले कदम, कभी कॉलेज परिसर में, कभी कक्षा में, कभी खेल के मैदान के बीच आम के पेड़ की छाँव में रुक जाया करती थी… सुमित जूनियर था, लेकिन उसके अनुभव और परिपक्वता ने सीनियर छात्रों को बनाया उसके सामने जूनियर देखो….हर कॉलेज की तरह यहाँ भी सीनियर छात्र जूनियर्स की रैगिंग करने से बाज नहीं आए और सुमित ने इसमें महारत हासिल कर ली थी…. और इसी दौरान वो दिन भी आ गया जिसने सुमित की जिंदगी बदल दी।

    कॉलेज के पहले दिन सुमित अपने सीनियर दोस्तों के साथ कॉलेज के बरामदे में बैठा होता है तभी…… एक छात्रा की एंट्री होती है और सुमित हाथ के इशारे से उस लड़की से कहता है-………… “अरे लड़की कहाँ जा रही है, पहले गाती है फिर क्लास के अंदर “ओके…..लड़की बिना हारे गाना गाती है………. दिल तो है दिल का अतबार क्या क्या किया………. सुमित हताश है! तुरंत खुद को संभालते हुए… कहा – ये सब क्या दिल विल वाला गाना राही रही है, सुनो शास्त्रीय संगीत !! …..अब वह शास्त्रीय संगीत कैसे सुनाती है? फिर भी उसने कोशिश की और… दो-तीन बार आकर रैगिंग से छुटकारा पा लिया।

    यह पहली लड़की थी जिसने सुमित को पहली बार सरप्राइज दिया था और उसका नाम अनुरिमा था जो सुमित के साथ उसकी क्लास में पढ़ती थी।

    किसी तरह कॉलेज का पहला दिन बीता। अब अगले दिन ……………………………

    दोपहर में क्लास शुरू होने में आधा घंटा बाकी था, सुमित अपने दोस्तों के साथ बरामदे में बैठा था, तभी…! बाल नीचे लटके सुमित की ओर चलती एक लड़की, मानो उसे कच्चा चबाया जाएगा…। वह अपने सहपाठियों के साथ सुमित के करीब आ गई जैसे कि पुलिस ने छापा मारा हो… सुमित और उसके दोस्त… हैरान और भयभीत वह उठकर खड़ा हो गया …और वो लड़की कहती है–मजाक कर रहे हो क्या तुमने पूरे कॉलेज का रैगिंग का ठेका ले रखा है? क्या समझा है अपने आप को ? हाँ ? सुमित को लगा जैसे उसके कानों में किसी ने सीटी बजा दी हो और उसका दिमाग सुन्न हो गया हो… मायूस सुमित बिना कुछ बोले केवल उसकी बातें सुन रहा था, वह कुछ सेकंड चुप रहती और फिर अपने होठों से शब्दों के तीर निकालती। चलती जो सुमित के दिल और दिमाग दोनों को चीर रही थी…….. – “एक सहपाठी होकर अपने ही सहपाठी की रैगिंग लेते हो, बड़ी उम्र में पढ़ने लगे हो या एक ही कक्षा में कई बार फेल हो गए हो, हाँ! अगर भविष्य में ऐसा होता है तो शिकायत सीधे प्राचार्य के पास जाएगी। पूर्णिया में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती थी। …….निम्मी के जाने के बाद सुमित खुद को काबू में रखते हुए वापस वर्तमान में आ गया….

    निम्मी और अनुरीमा, दोनों बहनें, बिहार के सीवान जिले की रहने वाली थीं और पूर्णिया के एक निजी छात्रावास में पढ़ती थीं, निम्मी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी और अनुरीमा कानून की पढ़ाई कर रही थी। ,

    इस घटना के अगले दिन अनुरीमा ने निम्मी को सुमित के बारे में बताया…..कि उसने कुछ मजबूरियों के कारण कई वर्षों तक अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी, पिता अक्सर बीमार रहते हैं, घर का बड़ा लड़का होने के कारण दो छोटी बहनों की जिम्मेदारी है। कंधे पर भी है, सुमित अपनी बहन को अच्छे स्कूल में पढ़ाने और अच्छा माहौल देने की कोशिश करता रहता है, पिछले कई सालों से उसने देशहरा-दिवाली में अपने लिए कभी कुछ नहीं लिया, लेकिन अपनी पसंद के कपड़े जरूर दिए हैं उसकी बहनों को। कम समय में इतनी जिम्मेदारियों के बोझ तले दब कर बिना किसी स्वार्थ के सबकी मदद करता रहता है, सुमित जो दिखता है असल में ऐसा नहीं है… अनुरीमा लगातार सुमित के बारे में कह रही थी और निम्मी सुन रही थी उसके शब्दों के लिए। यह सुनकर निम्मी को अपने किए पर शर्म आ रही थी और निम्मी को अपने किए पर पछतावा हो रहा था, इसलिए अनुरिमा की बातें सुनकर उसकी आँखों में आँसू आ गए, लेकिन सुमित के बारे में अनुरीमा की बातें अभी भी चल रही थीं, इसलिए निम्मी- अब वह बस पागल हो गया। ! कितना रोओगे? देखो प्याला भर गया है, इसे बाहर फेंको और आओ।

    अगले दिन निम्मी सुमित से अपनी हरकत की माफ़ी माँगने पहुँची, सुमित अपने दोस्तों के साथ कॉलेज की कैंटीन में बैठा था, तभी सामने निम्मी आ खड़ी हुई…सुमित चौंक गया और बोला- अब मैंने क्या किया? …निम्मी- दे दो, देख सुमित, उस दिन गुस्से में मैंने बहुत गलत बातें कह दी थीं, उसके लिए मैं माफी मांगता हूं !! सुमित ने चाय का प्याला निम्मी की ओर बढ़ाया और कहा- दरअसल उस दिन मैंने कुछ नहीं सुना, मेरा सारा ध्यान तुम्हारे कान की बाली पर था, तुमने जो कहा न समझा न सुना….. शुरू किया…… फिर जाते वक्त दोनों के बीच फोन नंबर भी शेयर किया था।…

    उसी दिन रात 11 बजे सुमित के फोन में एक व्हाट्सएप आता है….हाय…. मेसेज निम्मी का था…..और फिर बात चलती चली गई और दोनों शब्दों और वाक्यों का आदान-प्रदान करने लगे…वक्त बीतता गया व्हाट्सएप से उनकी बातें शुरू हुईं और कब मुलाकात में बदल गईं पता ही नहीं चला…फिर रोज ढेर सारी बातें और चंद मुलाकातों का सिलसिला चलता गया…..शायद अब इनकी दोस्ती इतनी गहरी हो गई थी कि….जो शायद इन्हें पता ही नहीं चला कि ये अब दोस्त नहीं रहे…….

    निम्मी प्रतिदिन अपना कोचिंग क्लास खत्म होने के बाद शाम 6 बजे पूर्णिया के इकलौते स्टेडियम में पहुंचती और स्टेडियम की सीढ़ी पर सुमित के बैठने का इंतजार करती, फिर हमेशा की तरह सुमित का मूंगफली लेकर देर से आना, फिर निम्मी का खूबसूरत गुस्सा फिर एक दोनों के बीच प्यार की तकरार, निम्मी का फिर कभी न मिलने का झूठा वादा..जैसे ये वक्त बीता कई बदलाव आए, इन दोनों की दोस्ती नहीं, उनका साथ, वो खूबसूरत मुलाकात की जगह…कई बार साथ में, गहराई उनका रिश्ता और गहरा होता गया।

    फिर वह समय आया जब अनुरीमा और सुमित ने कॉलेज में पांच साल की पढ़ाई पूरी की और कॉलेज प्रशासन द्वारा इस सत्र के सभी छात्रों के लिए एक विदाई समारोह आयोजित किया गया। शायद यह कल्पना करना मुश्किल है कि कॉलेज से विदाई का वह पल कितना कठिन होता है, मानो समय ने सब कुछ रोक दिया हो। खैर सारा खेल वक्त का था और विदाई समारोह वक्त के साथ खत्म होना था, उसके बाद सबको अपने सपने पूरे करने थे। उसे पूरा करने के लिए मंजिल की ओर निकल जाते… लेकिन सुमित को जो इस कॉलेज से मिला वो शायद इस सत्र के किसी छात्र को नहीं मिला, दिल के करीब रहने वाला सच्चा दोस्त था..

    कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद अनुरिमा और निम्मी को हमेशा के लिए घर लौटना पड़ा और चूँकि निम्मी घर की बड़ी बेटी थी, इसलिए घर वापस जाते ही उसकी शादी होने की चर्चा होने लगी। पांच साल में यहां जो प्यार और स्नेह मिला, उसे हमेशा के लिए छोड़कर जाने का दर्द असहनीय था।

    इस दर्द और दिल में ढेर सारी बातें लिए निम्मी शाम 6 बजे उसी स्टेडियम में सीढ़ियों पर बैठकर सुमित का इंतज़ार करने लगी !! उधर सुमित ने हाथ में मूँगफली ले ली, कुछ चबाते हुए, कुछ गिराते हुए, स्थिति से बेखबर रोज़ की तरह देर से पहुँचा और मूंगफली रखते हुए निम्मी के पास बैठ गया… निम्मी एक-एक मूँगफली उठा कर ऐसे फोड़ती जैसे वह दिल का दर्द रोक रहा था। हो… एक शांत वातावरण….. निम्मी की हसीन आँखों में वो आँसू की बूँदें दिल का हाल बयां कर रही थीं…… शायद सुमित निम्मी की इस पीड़ा को समझ रहा था तो उसने माहौल हल्का करने को कहा-…. .आधा काम करो, ये सारी मूंगफली ले जाओ और वहां जाकर आराम से अपने कमरे में बैठ कर खाओ…।

    निम्मी गुस्से और दर्द भरी निगाहों से सुमित की तरफ देखती है और गुस्से से कहती है- कब किसी बात को सीरियसली लोगे! कहो? मेरी शादी के बाद घर में बातें चल रही हैं! सुमित, किसको क्या उत्तर दूं? आप ऐसा अभिनय करते हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं !!!! बोलो सुमित!!!? क्या करूँ?!!!……… और निम्मी की आँखों में छुपे वो आँसू अपने आप को रोक नहीं पाए और आँखों से छलकते ही माहौल फिर शांत और उदास हो गया जैसे चाँद अँधेरे में छुपा हो। ……..अपने आप को संभालते हुए, आँसुओं को रोकते हुए, निम्मी सुमित के हाथ में मूँगफली पकड़ती है और झल्लाते हुए कहती है……- ये मूँगफली घर पर ले जाइए और आराम से खाइए।

    इस बीच जब सूरज ढल चुका था, तो पता ही नहीं चला कि अँधेरा धीरे-धीरे चांदनी रात को अपने आगोश में लेने की कोशिश कर रहा था। ….. सुमित ने मोटरसाइकिल में चाबी लगाते हुए कहा – …. निम्मी आ जाओ, रात होने वाली है, मैं तुम्हें तुम्हारे कमरे तक छोड़ दूं …. निम्मी – हां सुमित, मुझे पता है तुम करोगे छोड़ो मुझे और तुम क्या कर सकते हो….निम्मी की आंखें अब भी छलकने का इशारा कर रही थीं…और इधर सुमित अब मायूस हो गया था, अँधेरे ने उसके आँसुओं को कहीं छुपा लिया था। दीये की सीलन के कारण इनमें से आधी आँखें देख नहीं पाती थीं। ……… सुमित मोटरसाइकिल स्टार्ट करता है और निम्मी को उसके हॉस्टल छोड़ने के लिए निकल जाता है। वे दोनों एक दूसरे से बिना कुछ कहे ही अलगाव और प्रेम को एक साथ महसूस कर रहे थे।

    सुमित निम्मी को छोड़कर अपने घर वापस आ जाता है और उसी रात 10 बजे सुमित को निम्मी का व्हाट्सएप प्राप्त होता है…..तुमने क्या सोचा सुमित?…मुझे बताओ?……सुमित ने कोई जवाब नहीं दिया……उसके बाद निम्मी नहीं संदेश नहीं आओ…सुमित ने काफी देर तक मोबाइल स्क्रीन पर अपनी निगाहें गड़ाए रखी लेकिन उसके बाद निम्मी का कोई मैसेज नहीं आया…।

    दो बहनों की शादी….पिता की परवाह…आर्थिक स्थिति…और सिर पर ढेर सारी जिम्मेदारियों का बोझ……सुमित को निम्मी के मैसेज का जवाब देने से रोक दिया……

    और देखते ही देखते कॉलेज की विदाई का दिन आ गया, सुमित चाहता था कि निम्मी इस फंक्शन में ना आए लेकिन वो पूरे फंक्शन में उसे ढूंढ रहा था… इतने में अनुरीमा सुमित के पास आ जाती है…सुमित जी!! आज कॉलेज का आखिरी दिन है! शायद !! आज के बाद कोई मुलाक़ात नहीं होगी, इसलिए आख़िरी बार तुम चाहो तो मुझसे मिलने स्टेशन आ सकते हो! आज शाम 5 बजे ट्रेन है, मैं निकलूंगा, अपना ख्याल रखना।

     

    निम्मी और अनुरीमा अपना सामान लेकर प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुँचे…….मन को रोके दिल में मिलने में कि सकते हैं सुमित कॉलेज छोड़ने के बाद स्टेशन के एक फ्लाईओवर पर निम्मी की नज़रों से ओझल हो जाता है, जहाँ से सुमित निम्मी को देख पा रहा था… .उधर निम्मी की निगाहें पूरे स्टेशन पर सुमित को ढूंढ रही थी….. तभी ट्रेन आती है, चढ़ते उतरते यात्रियों का काफिला प्लेटफार्म को अपनी बाहों में ले लेता है पर सुमित की नजरें अब नहीं रही वो भी निम्मी को देख रही थी इस भीड़ में जो बड़ी मुश्किल से किसी तरह ट्रेन के डिब्बे में घुसने की कोशिश कर रही है… बड़ी फुर्ती से भीड़ को कमजोर करती अनुरिमा ट्रेन पर चढ़ जाती है और निम्मी बारी-बारी से अपना सामान उठाती है। देता है……लेकिन निम्मी की निगाहें अब भी सुमित को ढूंढ रही थीं, ट्रेन में चढ़ता सारा सामान लादकर और ट्रेन में चढ़ने से पहले एक बार अपने सुमित को देखने के लिए पूरे स्टेशन का चक्कर लगाती है….उसे लगा कि शायद उसे देर से आने की आदत है ….पर शायद बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि..निम्मी का प्यार अब यादों में बदल चुका था। ट्रेन धीरे-धीरे स्टेशन से निकली। वो जा रही थी पर निम्मी की आँखे अब भी सुमित की एक झलक पाने को तरस रही थी….ट्रेन फ्लाईओवर के नीचे से गुजरती है……सुमित अभी भी उसी फ्लाईओवर पर खड़ा होकर गुज़रती ट्रेन को देख रहा था……और फिर जो हुआ वो शायद वो खूबसूरत एहसास था प्यार…….फ्लाईओवर से उतरते हुए निम्मी की नज़र सुमित पर पड़ी और बिना समय गवाए उसे पुकारा…..सु सु सु सुमित…सुमित ने जब पीछे मुड़कर देखा तो उसकी नज़र निम्मी पर भी पड़ी, जो उसे लहरा रही थी हाथ से इशारा करके उसकी तरफ़ इशारा करते हुए जैसे वो अपने प्यार का इजहार कर रही हो…….सुमित की आँखों में छुपे आंसू पहली बार छलक पड़े…..और वो खुद. वह मूँगफली संभालते हुए स्टेशन से निकला और मूँगफली लेकर सीधे स्टेडियम चला गया। शायद वह भूल गया था कि आज वह मूंगफली के दाने अपने घर ले जाएगा क्योंकि निम्मी उसके साथ नहीं थी। निम्मी से तो मैं रोज मिलता था……अब न निम्मी है न उसकी वो प्यार भरी बातें….बस यादें हैं उसकी….उही जिम्मेदारियों के बोझ तले फिर शुरू हुई जिंदगी…….वक्त ने निम्मी के प्यार को इतिहास बना दिया है यादों का मैं बदल गया और सुमित ने उन्हें याद कर हमेशा के लिए अपने दिल में दबा लिया और जीने की चाहत से जीने लगा…….. शायद इसलिए किसी ने सही कहा है कि ज़िंदगी कितनी भी दर्द भरी हो, जीना पड़ता है………. ………………… आज सुमित ने धूमधाम से अपनी दोनों बहनों की शादी कर पिता का इलाज कराया और कहीं और निम्मी की यादों को भी अपने दिल में दफन कर लिया जो अक्सर उनकी आंखों में दिखता है।

    दिल को छु लेनेवाली प्रेम भरी सच्ची कहानी, Most Heart Touching Love Story, heart touching love story,सच्ची प्रेम कहानी,heart touching shayari,love story,दिल छु लेने वाली कहानी,दिल छूने वाली प्रेम कहानी,heart touching love story 2022,दिल को छू लेने वाली एक प्रेम कहानी,heart touching story,heart touching,story,hindi story,most heart touching love story,sad love story,very heart touching love story,heart touching story hindi love,heart touching school love story,painful heart touching love story

    close